सरकार ने हैंडसेट कंपनियों से माँगा जवाब, चीनी स्मार्टफोन से डाटा चोरी की आशंका
सरकार ने हैंडसेट कंपनियों से माँगा जवाब, चीनी स्मार्टफोन से डाटा चोरी की आशंका
Ashish News Update 17 Aug. 2017
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री ने 21 स्मार्टफोन कंपनियों से पूछा है कि वे भारत में बेचे जाने वाले हैंडसेट की सिक्योरिटी के लिए किस तरीके का इस्तेमाल करती हैं। इन कंपनियों में से ज्यादातर चीन की हैं। ये फोन भारत में बनाए जा रहे हैं या विदेश से इन्हें आयात किया जा रहा हो, सभी कंपनियों से सिक्योरिटी प्रैक्टिस, आर्किटेक्चर, फ्रेमवर्क, गाइडलाइंस और सिक्योर ट्रांसमिशन और डेटा स्टोरेज के तरीकों के बारे में पूछा गया है।
अधिकारी ने बताया, ‘मोबाइल फोन या स्मार्टफोन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। इनमें यूजर्स की कीमती सूचनाएं स्टोर रहती हैं। वे फोन का इस्तेमाल डिजिटल पेमेंट के लिए कर रहे हैं और इसमें उनके पर्सनल डेटा भी होते हैं।’ 14 अगस्त को एक लेटर में सरकार की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) ने कंपनियों से 28 अगस्त तक यह जानकारी मांगी है। इसमें हैंडसेट, ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर और प्री-लोडेड ऐप्स शामिल होंगे। अधिकारी ने बताया कि ‘तीसरी देश को डेटा लीक किए जाने की अनदेखी हम नहीं कर सकते। डेटा आज बड़ा संसाधन है और हमें इसे सुरक्षित रखना होगा।’ उन्होंने बताया कि स्मार्टफोन ने सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में बड़ा रोल निभाया है। इसके लिए लोगों ने इन हैंडसेट पर भरोसा जताया है। इसलिए इनका सुरक्षित होना बहुत जरूरी है।
Ashish News Update 17 Aug. 2017
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री ने 21 स्मार्टफोन कंपनियों से पूछा है कि वे भारत में बेचे जाने वाले हैंडसेट की सिक्योरिटी के लिए किस तरीके का इस्तेमाल करती हैं। इन कंपनियों में से ज्यादातर चीन की हैं। ये फोन भारत में बनाए जा रहे हैं या विदेश से इन्हें आयात किया जा रहा हो, सभी कंपनियों से सिक्योरिटी प्रैक्टिस, आर्किटेक्चर, फ्रेमवर्क, गाइडलाइंस और सिक्योर ट्रांसमिशन और डेटा स्टोरेज के तरीकों के बारे में पूछा गया है।
अधिकारी ने बताया, ‘मोबाइल फोन या स्मार्टफोन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। इनमें यूजर्स की कीमती सूचनाएं स्टोर रहती हैं। वे फोन का इस्तेमाल डिजिटल पेमेंट के लिए कर रहे हैं और इसमें उनके पर्सनल डेटा भी होते हैं।’ 14 अगस्त को एक लेटर में सरकार की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) ने कंपनियों से 28 अगस्त तक यह जानकारी मांगी है। इसमें हैंडसेट, ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर और प्री-लोडेड ऐप्स शामिल होंगे। अधिकारी ने बताया कि ‘तीसरी देश को डेटा लीक किए जाने की अनदेखी हम नहीं कर सकते। डेटा आज बड़ा संसाधन है और हमें इसे सुरक्षित रखना होगा।’ उन्होंने बताया कि स्मार्टफोन ने सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में बड़ा रोल निभाया है। इसके लिए लोगों ने इन हैंडसेट पर भरोसा जताया है। इसलिए इनका सुरक्षित होना बहुत जरूरी है।
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