कोरोना के कारण आने वाली है सबसे बड़ी आफत, मुख्यमंत्री की नींद उड़ी, कर्मियों के वेतन में कटौती का सुझाव??

कोरोना के कारण आने वाली है सबसे बड़ी आफत, मुख्यमंत्री की नींद उड़ी, कर्मियों के वेतन में कटौती का सुझाव??

Ashish News Nation 18April2020
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चंडीगढ़। कोविड -19 (Covid-19) संकट के कारण पंजाब (Punjab) को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 22000 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे (Revenue deficit) का अनुमान है। इसके चलते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह (Punjab CM Captain Amarinder singh) की नींद उड़ी हुई है। मुख्य सचिव पंजाब (Chief secretary Punjab) ने सभी सरकारी कर्मचारियों से अपील की है कि वह राज्य को अनिर्धारित संकट से निपटने के लिए मदद करते हुए स्वेच्छा से अपने वेतन में कटौती (Pay cut) करें। पंजाब के सभी मंत्रियों ने अगले तीन महीने का वेतन न लेने का फ़ैसला किया है।
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क्या कहते हैं वित्त मंत्री
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य को 88000 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र होने का अनुमान था, परन्तु अब सिर्फ 66000 करोड़ रुपए का ही राजस्व एकत्र होने का अनुमान है, क्योंकि कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते सारा कारोबार, टैक्स प्राप्तियाँ आदि घटने के कारण जी.एस.टी. का संग्रह भी कम होना है। कोविड -19 महामारी और कर्फ्यू व लॉकडाउन के वित्तीय प्रभावों का जायज़ा लेने और मौजूदा संकट से निपटने के लिए घाटे की भरपाई के लिए तरीके ढूँढने के लिए वित्त उपमसमित की बैठक आहूत की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने की। इसी बैठक में मंत्रियों ने स्वेच्छा से अगले तीन महीने का वेतन मुख्यमंत्री कोविड राहत कोष के लिए दान करने का फ़ैसला किया।
केन्द्र से वित्तीय पैकेज नहीं मिला
मनप्रीत सिंह बादल ने मीटिंग के दौरान बताया कि सभी निर्माण और उत्पादन कार्य मुकम्मल तौर पर ठप्प पड़े हैं। ट्रांसपोर्ट, आबकारी, स्टाम्प ड्यूटी आदि के रूप में कोई टैक्स या ड्यूटी भी नहीं आते जिसके कारण राजस्व की प्राप्तियों में 22000 करोड़ रुपए की कमी हो गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि जी.एस.टी. की वसूली पिछले साल की अपेक्षा बहुत कम हो गई है। केंद्र सरकार ने अभी तक जी.एस.टी. के बकाए की बड़ी राशि का भुगतान करना है जिसके कारण आने वाले महीनों में स्थिति और खराब होगी। उन्होंने बताया कि राज्य को अभी तक केंद्र सरकार से कोविड राहत के लिए कोई विशेष वित्तीय पैकेज हासिल नहीं हुआ है।
वेतन में 30 फीसदी तक कटौती का सुझाव
मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने अपील की- ‘‘सभी सरकारी कर्मचारी, पी.एस.यूज़, स्थानीय निकाय, बोर्डों और कोर्पोरेशनों के कर्मचारी स्वेच्छा से अपना वेतन और भत्ते कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए सरकारी मिशन में हिस्सा डालने के लिए योगदान डालें।’’ मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि सरकारी मुलाजि़मों द्वारा भी मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया जाए, जिसके अंतर्गत अप्रैल, मई और जून 2020 की महीनावार वेतन में से दर्जा ‘ए’ और ‘बी’ के मुलाजि़मों को 30 प्रतिशत, दर्जा ‘सी’ के मुलाजि़मों को 20 प्रतिशत और दर्जा ‘डी’ के 10 प्रतिशत का योगदान राहत कोष में डालना चाहिए जिससे ख़तरनाक महामारी से निपटने के साथ-साथ मौजूदा संकट के कारण पडऩे वाले बड़े घाटे की भरपाई के लिए सरकार के यत्नों को मज़बूत किया जा सके।
संकट से निपटने के लिए दोबारा होगी बैठक
मीटिंग के दौरान वर्तमान स्थिति में राजस्व बढ़ाने के लिए कई और कदमों पर भी विचार किया गया। मौजूदा संकट के कारण राज्य गंभीर वित्तीय घाटे का सामना कर रहा है जो कम- से -कम कुछ और तिमाही जारी रहने के आसार हैं। मुख्यमंत्री ने कमेटी के सदस्यों को इस संकट से निपटने के लिए ओर नवीनतम उपाय ढूँढने के लिए कहा। राज्य में राजस्व बढ़ाने और विभागों के खर्चों में कटौती करने संबंधी सब-कमेटी एक-दो दिनों में दोबारा मीटिंग करेगी, जिससे आम सरकारी खर्चों के अलावा कोविड से सम्बन्धित मेडिकल और राहत कामों के खर्चों को पूरा किया जा सके।

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